लोकमतसत्याग्रह/ग्वालियर व्यापार मेला के औपचारिक उद्घाटन के बाद मेला के ऑटोमोबाइल सेक्टर में बूम देखने को मिल रहा है। दो दिन में यहां 565 कार अभी तक बिक चुकी हैं। पहले दिन रविवार को 10 घंटे में ही 305 कार बिकीं थीं। सोमवार को 260 कार व 70 दोपहिया वाहन बिके हैं। साल 2021 से करीब कई गुना ज्यादा है। यदि ऐसा चला तो मेला समाप्त होते-होते अभी की कार खरीदी के सभी रिकॉर्ड यह मेला ध्वस्त करेगा।
मेला में रोड टैक्स पर 50 प्रतिशत की छूट है यही कारण यहां कार व अन्य वाहन खरीदने खरीदारों का सैलाव उमड़ रहा है। अभी तक पूरे वाहनों के शोरूम तक नहीं पहुंचे हैं और बिक्री रिकॉर्ड तोड़ने लगी है। मेला से वाहन खरीदने पर 10 लाख रुपए की गाड़ी पर लगभग 70 से 80 हजार रुपए का फायदा रोड टैक्स पर होगा। यह अपने आप में किसी भी ऑफर व छूट से बहुत ज्यादा है।
ग्वालियर व्यापार मेला को ऐसे ही मध्य प्रदेश और देश के बड़े मेलों में नहीं गिना जाता है। यहां करोड़ों का कारोबार होता है। मेला की जान यहां लगने वाला ऑटोमोबाइल सेक्टर होता है। यह अपने आप में काफी खास हाेता है। एक तो यहां कंपनी की ओर से कार की सभी रेंज देखने को मिली हैं और दूसरा मेला मंे सरकार की ओर से आरटीओ मतलब रोड टैक्स में करीब 50 प्रतिशत की छूट मिलती है। जिससे 1 लाख रुपए की गाड़ी पर 7 से साढ़े सात हजार और दस लाख की कार पर 70 से 75 हजार रुपए का फायदा होता है। दो साल पहले मेले में जब वाहनों की बिक्री शुरू हुई थी। तब पहले दिन सिर्फ 30 वाहनों का सत्यापन RTO कार्यालय में हुआ था, लेकिन इस बार 7 जनवरी शनिवार को उद्घाटन होते ही रविवार को 10 गुना ज्यादा वाहनों का सत्यापन हुआ है। कारोबारियों के अनुसार पहले दिन ऑटोमोबाइल सेक्टर गुलजार रहा, इससे उम्मीद है कि आगे भी बिक्री बंपर होगी। जिन वाहनों का सत्यापन मेले में बने RTO कार्यालय में हुआ है, उन्हें अब रोड टैक्स में 50 फीसदी छूट का लाभ मिलेगा।
मेला में रोड टैक्स छूट के लिए तीन महीने किया इंतजार
मेले में वाहन खरीदने पर रोड टैक्स में 50 फीसदी की छूट लेने के लिए कई लोग 3 से 6 माह से इंतजार कर रहे थे। कोई तीन महीने तो कोई छह माह पहले ही डीलर्स के यहां टोकन के रूप में राशि जमा कराकर अपनी गाड़ी बुक कर चुका था, लेकिन बिल बनवाने और खरीदारी करने के लिए मेला में मिलने वाली रोड टैक्स की छूट का इंतजार था। यह कहना था मेले में चार पहिया वाहन खरीदने के बाद आरटीओ कार्यालय में दस्तावेज का सत्यापन कराने आए वाहन स्वामियों का। सिटी सेंटर निवासी देवेन्द्र सिंह ने लगभग 14 लाख रुपए की कार खरीदी है। उन्होंने बताया कि रोड टैक्स में छूट के तौर पर 1.20 लाख रुपए की बचत उनकी हुई है। वे वर्ष 2021 से मेले में छूट का इंतजार कर रहे थे। वहीं चंद्रवदनी नाका में रहने वाले राजेंद्र नीखरा ने लगभग 15 लाख कार खरीदी है। टैक्स के तौर पर लगभग सवा लाख रुपए बचाए हैं। वे छह माह से कार खरीदने का इंतजार कर रहा है।
सोमवर को बिके 70 दो पहिया वाहन
मेले में शोरूम नहीं बन पाने के कारण रविवार को दो पहिया वाहनों की बिक्री शुरू नहीं हो सकी। आरटीओ एचके सिंह का कहना है कि डीलर्स द्वारा जब शोरूम बना लिए जाएंगे, तभी दो पहिया वाहन की बिक्री पर रोड टैक्स में छूट दी जाएगी। सोमवार को कुछ शोरूम शुरू हो गए हैं जिस कारण सोमवार को आरटीओ के अनुसार 70 दोपहिया वाहन खरीदे गए हैं।
सोमवार को झूला सेक्टर में रही भीड़
रविवार के बाद सोमवार को भी मेला में सैलानियों की भीड़ उमड़ पड़ी। मेला के झूला सेक्टर में शाम के समय पैर रखने के लिए भी जगह नहीं थी। शाम को ही पार्किंग फुल हो गई थी। खानपान के सेंटर भी लोग पहुंच रहे थे। सोमवार को अन्य दिनों की तुलन में सर्दी कुछ कम थी इसलिए भी ज्यादा संख्या में लोग मेला घूमने पहुंचे थे।
117 साल पुराना है ग्वालियर का व्यापार मेला
व्यापार मेला का इतिहास काफी रोचक है। शुरुआत 1905 में तत्कालीन शासक माधौराव सिंधिया ने की थी। इस साल मेला दिसंबर में 117 साल पूरे कर लेगा। खास बात यह है इतने साल गुजर जाने के बाद भी यह मेला जवान है। इसके चेहरे का नूर हर साल बढ़ता ही जा रहा है, क्योंकि यहां पहुंचने वाले सैलानियों को सौगातें देने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत रहती है। शुभारंभ सत्र में कुछ ऐसी घोषणा हो जाती है, जिसका फायदा व्यापारियों के साथ खरीदारों को भी मिल जाता है। मेले में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में प्रस्तुती देने के लिए ख्यात कलाकारों को आमंत्रित किया जाता है। बहरहाल, अभी हम सिर्फ ग्वालियर व्यापार मेले के वैभव की बात करेंगे।
104 एकड़ में फैला है मेला परिसर
ग्वालियर व्यापार मेला परिसर 104 एकड़ में फैला हुआ है। इसमें बनी कच्ची-पक्की दुकानों में ग्वालियर के अलावा अन्य राज्यों से आए व्यापारी अपने उत्पादों को सजाते हैं। कुछ चबूतरे भी हैं, जिन पर बैठकर खाने-पीने वाले अपने सामान का विक्रय करते हैं। रेसक्रास स्थित व्यापार मेला मैदान को दिल्ली के प्रगति मैदान की तरह मध्य प्रदेश का प्रगति मैदान भी कहा जाता है। यहां होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों का कैलेंडर हर वर्ग को ध्यान में रखकर प्लान किया जाता है। जिसमें कव्वाली, मुशायरा, कवि सम्मेलन ही नहीं चित्रकला स्पर्धा तक को भी शामिल किया जाता है।
ग्वालियर के मेले से बढ़ जाता है प्रदेश में व्यापार
व्यापारिक दृष्टिकोण से ग्वालियर व्यापार मेला काफी महात्वपूर्ण है। खरीदार और व्यापारियों के लिए शुरू किए आफर पूरे मप्र में लागू हो जाते हैं। अगर व्यापार मेले के आटोमोबाइल सेक्टर में सजे किसी कंपनी के शोरूम पर डिस्काउंट दिया जा रहा है तो वह आफर प्रदेश के हर शोरूम पर शुरू किया जाता है। इतना ही यहां लगने वाली प्रदर्शनी में सरकार की योजनाएं भी सामने आती हैं। इसका फायदा अंचल के ग्रामीण क्षेत्रों से आए किसानों को मिलता है। वे योजनाओं को जान पाते हैं और फिर फायदा भी लेते हैं।
