IT नियम में संशोधन प्रस्ताव, PIB हटवा सकेगा फेक न्यूज:एडिटर्स गिल्ड ने कहा- अकेले सरकार के पास न हो फैसला, सही आलोचना दब जाएगी

लोकमतसत्याग्रह/IT नियमों में नए संशोधन प्रस्ताव को लेकर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने चिंता जाहिर की है। IT मिनिस्ट्री ने बुधवार को एक संशोधन प्रस्ताव पेश किया है। इससे प्रेस इन्फर्मेशन ब्यूरो (PIB) को फेक न्यूज के फैक्ट चेक और सोशल मीडिया को इन्हें हटाने का आदेश देने की अधिकार मिल जाएगा।

एडिटर्स गिल्ड का कहना है कि फेक न्यूज को हटाने जैसा फैसला अकेले सरकार के हाथों में नहीं होना चाहिए। इससे प्रेस की स्वतंत्रता पर असर पड़ेगा और सही आलोचना भी दब जाएगी।

सिलसिलेवार ढंग से जानिए नए संशोधन क्या और उस पर ऐतराज क्यों

1. IT नियमों में संशोधन प्रस्ताव क्या है?
जिन खबरों को प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो फर्जी मानेगा, मीडिया कंपनियों को वे खबरें इंटरनेट और अन्य प्लेटफॉर्म से डिलीट करनी पड़ेंगी।

2. इस संशोधन प्रस्ताव से PIB को क्या अधिकार मिलेगा?
इससे बिना किसी न्यायिक निरीक्षण के देश में कहीं भी पब्लिश खबरों को ब्लॉक करने, हटाने या बदलने का अधिकार मिलेगा।

3. एडिटर्स गिल्ड का संशोधन पर क्यों ऐतराज है, 03 पॉइंट

  • एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया का कहना है कि कोई खबर फर्जी है, ये बताने की जिम्मेदारी अकेले सरकार के हाथों में नहीं हो सकती। इससे सेंसरशिप जैसे हालात बन जाएंगे। फैक्चुअली गलत कंटेंट से निपटने के लिए पहले से ही कई कानून बने हैं।
  • ये संशोधन प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो या फैक्ट चेक एजेंसियां मीडिया कंपनियों या ऑनलाइन मीडिएटर कंपनियों को वे खबरें हटाने के लिए मजबूर कर सकती हैं, जिनसे सरकार को परेशानी हो सकती है।
  • सरकार का यह कदम सरकार की वैध आलोचना का गला घोट देगा। साथ ही सरकारों को जिम्मेदार ठहराने की प्रेस की काबिलियत पर उल्टा असर डालेगा।

4. क्या एडिटर्स गिल्ड ने पहले भी आपत्ति जाहिर की थी?
हां, मार्च 2021 में एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने आपत्ति जाहिर की थी। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा था कि इन नियमों के प्रावधानों में डिजिटल न्यूज मीडिया समेत बड़े पैमाने पर मीडिया पर अनुचित प्रतिबंध लगाने की क्षमता है।

5. फेक न्यूज पर अभी क्या नियम हैं?
फेक न्यूज पर कार्रवाई के लिए अभी कोई ठोस आधार नहीं है। रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावड़ेकर दोनों ही जवाबदेही तय किए जाने और कानून के दायरे में दंड का भी प्रावधान होने की बात कह चुके हैं।

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