लोकमतसत्याग्रह/ग्वालियर। दिन व रात के तापमान में अंतर बढ़ते ही मौसमी बीमारियां लोगों को घेरने लगी हैं। जेएएच के मेडिसिन विभाग के प्रो डा अजय पाल का कहना है कि दिन व रात के तापमान में परिर्वतन से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। बच्चों से लेकर बड़ों तक में सर्दी,जुकाम, बुखार,पेट दर्द, दस्त, उल्टी, अस्थमा की शिकायत बढ़ी है। क्योंकि दिन में गर्मी होने से लोग गर्म कपड़े पहनने से लेकर खान पान का ध्यान नहीं रखते। जिससे संक्रमण फैलता है और बुखार, उल्टी ,दस्त आदि की शिकायत होती है।इसी तरह से शाम के वक्त अचानक से तापमान कम होने से अस्थमा रोगियों को परेशानी बढ़ जाती है। दिन में गर्मी और रात में सर्दी होने से लोगों को ह्दयसंबंधी परेशानी भी हो रही है। जिसके चलते लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं। इस वक्त रात का तापमान तो 7 से 9 डिग्री सेल्सियस चल रहा है जबकि दिन तापमान 27 डिग्री पर जा पहुंचा है। दिन व रात के तापमान में चार गुना का अंतर बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए परेशानी का कारण बन गया है। ह्दयरोग विशेषज्ञ डा पुनीत रस्तोगी का कहना है कि मौसम बदल रहा है इस वक्त लोगों को सेहत पर ध्यान देने की अधिक आवश्यकता है। क्योंकि इस बदलते मौसम में ह्दय संबंधी परेशानियां तेजी से बढ़ सकती हैं। इसलिए सावधानी रखें और सुरक्षित रहें।गजराराजा मेडिकल कालेज के प्रो एवं ह्दयरोग विभाग के विभागा अध्यक्ष डा रस्तोगी का कहना है कि दिन में गर्मी बढ़ने से लेाग गर्म कपड़े पहनना लगभग बंद कर देते हैं। लेकिन रात होते ही अचानक से तापमान नीचे आ जाता है ऐसे में गर्म कपड़े शरीर पर न होना ठंड लगने का कारण बनता है। ठंड में शरीर की नसों में संकुचन होता है। जिससे खून का संचार बाधित होता और सीने में दर्द, बीपी बढ़ना-घटना व ह्दयघात की शिकायत होने का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि दो दिन से मौसम में बदलाव के कारण मरीजों की ओपीडी तो कम हुई लेकिन वे मरीज आ रहे हैं जो इस मौसम में लापरवाही बरत रहे हैं।
